आज
तक यह माना जाता है कि किसी बड़ी सफलता के लिए हमें बड़े-बड़े कार्य करने पड़ते हैं
चाहे वह हमारा व्यवसाय खड़ा करना हो या धनवान और समृद्धि को प्राप्त करने का कार्य
हो
आज
के भारत में चाहे वह कोई भी व्यापारिक घराना हो हमें लगता है कि जैसे इनका जन्म ही
धन समृद्धि के साथ हुआ है लेकिन इस बात की सत्यता कुछ और ही है
धनवान
बनने के लिए हमें चक्रवर्ती ब्याज को समझना पड़ेगा कि कैसे यह फार्मूला हमारे जीवन
में काम करता है
हमें
हमारी वित्तीय प्रबंधन (Financial Management) में लगातार सुधार करने की आवश्यकता होती है
हमें
यह समझना जरूरी है कि कौन सा निर्णय हमें संपत्ति निर्माण (Wealth Creation) की ओर ले जाता है और कौन
सा निर्णय हमें संपत्ति विघटन(wealth destruction) की ओर ले जाता है
दैनिक जीवन में हमें इस अवधारणा के महत्व समझना मुश्किल है
हम
अक्सर छोटे परिवर्तन को नजरअंदाज कर देते हैं क्योंकि वह उस पल हमें बहुत ज्यादा
महत्वपूर्ण नहीं दिखते हैं अगर हम थोड़े पैसे बचा ले तो हम धनवान बन सकते हैं
लेकिन यह थोड़े पैसे बचाना और उसका परिणाम बहुत दूरगामी होता है और हमारा मस्तिष्क
दूरगामी परिणामों को नजरअंदाज कर देता है
हमारी
नेटवर्थ हमारी वित्तीय आदतों (Financial Habits) का परिणाम है अगर हमारी वित्तीय आदतें संपत्ति
निर्माण की ओर होती है तो हमारी नेटवर्थ का आकार बहुत बड़ा होता है और और अगर
हमारी वित्तीय आदते संपत्ति विघटन की ओर होती है तो हमारी नेटवर्थ शून्य भी हो
सकती है
एक
आम आदमी के जीवन में बचत की आदत का होना बहुत जरूरी है अगर वह आदत नहीं है या कम
है तो उसमें सुधार लाना बहुत जरूरी है
अमूमन
यह देखा गया है कि कोई भी व्यक्ति अगर अपनी आमदनी का 25% की राशि को बचाता है तो
उसके धनवान होने के अवसर बहुत ज्यादा है बजाय उस व्यक्ति के जो की बचत नहीं करता
है
आज
के आधुनिक जीवन में 25% की राशि बचत करना बहुत मुश्किल कार्य है
इस 25% की बचत को प्राप्त करने के लिए हमें अपनी इन्वेस्टिंग की आदतों में लगातार सुधार करना पड़ता है
जैसा कि हमारा मस्तिष्क दूरगामी परिणामों को नजरअंदाज कर देता
है तो हमें कुछ समय के लिए 25% और धनवान बनने की प्रक्रिया को भूल कर हमें एक ऐसा सिस्टम तैयार
करना पड़ता है जो हमें हमारे लक्ष्य की ओर ले जा सके
आज
अगर हम ऐसा सोच ले कि कल से हमें 25% की राशि बचानी है तो ऐसा करना असंभव होगा
लेकिन अगर हम यह सोच ले कि हमें हर महीने अपनी बचत को 1% से बढ़ाना है तो यह कार्य
हमारे लिए बहुत ही आसान हो जाएगा
धनवान(Rich) बनने की परिभाषा सबके लिए अलग-अलग होती है लेकिन कोई व्यक्ति अगर नियमानुसार 25%
की बचत अपने पूरे जीवनकाल में करता है तो वह अपने क्षेत्र या अपने समूह में धनवान
और समृद्ध(Prosperous) व्यक्ति के कहलाता है
Arth Prabandhan
Email-viren251989@gmail.com
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